विज्ञान चालीसा जय न्यूटन विज्ञान के आगर, गति खोजत ते भरि गये सागर ।... ग्राहम् बेल फोन के दाता, जनसंचार के भाग्य विधाता । बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा, मित्र एडीशन परम प्रवीना । बायल और चाल्स ने जाना, ताप दाब सम्बन्ध पुराना । नाभिक खोजि परम गतिशीला, रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला । खोज करत जब थके टामसन, तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन । जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए, जेम्स चैडविक अति हरषाये । भेद रेडियम करत बखाना, मैडम क्यूरी परम सुजाना । बने कार्बनिक दैव शक्ति से, बर्जीलियस के शुद्ध कथन से । बनी यूरिया जब वोहलर से, सभी कार्बनिक जन्म यहीं से । जान डाल्टन के गूँजे स्वर, आशिंक दाब के योग बराबर । जय जय जय द्विचक्रवाहिनी, मैकमिलन की भुजा दाहिनी । सिलने हेतु शक्ति के दाता, एलियास हैं भाग्यविधाता । सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना, ल्यूवेन हुक की है यह रचना । कोटि सहस्र गुना सब दीखे, सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे । देखहिं देखि कार्क के अन्दर, खोज कोशिका है अति सुन्दर । काया की जिससे भयी रचना, राबर्ट हुक का था यह सपना । टेलिस्कोप का नाम है प्यारा, मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा । गैलिलियो ने ऐसा जाना, अविष्कार परम पुरा...